हाल ही में बेंगलुरु के टेक्नोलॉजिस्ट सनी गुप्ता ने ज़ोमैटो की ट्रेन फूड डिलीवरी सेवा का अनुभव साझा किया। मुंबई से पुणे की यात्रा के दौरान उन्होंने इस सेवा का उपयोग कर अपने सफर को और आरामदायक बनाया।
ट्रेन में ज़ोमैटो से खाना मंगाने का तरीका
गुप्ता ने बताया कि ज़ोमैटो ऐप के ज़रिए उन्होंने सीधे अपने ट्रेन के लिए खाना ऑर्डर किया। इसके लिए उन्होंने ऐप पर अपना पीएनआर नंबर (Passenger Name Record) डाला और यात्रा मार्ग में आने वाले किसी स्टेशन को डिलीवरी स्थान के रूप में चुना। उन्होंने पनवेल स्टेशन को डिलीवरी प्वाइंट चुना।
सनी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “ट्रेन अटेंडेंट से ऑर्डर करने की बजाय मैंने ज़ोमैटो को आज़माने का फैसला किया।” उन्होंने ट्रिपल शेज़वान राइस का ऑर्डर दिया और इस सुविधा की सराहना की।
सेवा की विशेषताएँ
ज़ोमैटो की यह सेवा यात्रियों को उनकी यात्रा के दौरान खाना ऑर्डर करने की सुविधा देती है। इसकी कुछ खास विशेषताएँ हैं:
- यात्री यात्रा से चार दिन पहले तक खाना ऑर्डर कर सकते हैं।
- ऑर्डर तैयार होने से पहले इसे कभी भी रद्द किया जा सकता है।
- खाना तय स्टेशन पर यात्रियों के पहुँचने से पहले तैयार होता है।
गुप्ता का ऑर्डर भी उनकी ट्रेन लेट होने के बावजूद पनवेल स्टेशन पर समय से तैयार था। उन्होंने मजाकिया अंदाज में ट्वीट किया, “शायद यह पहली बार है जब ज़ोमैटो मुझसे इंतजार कर रहा है।”
गुप्ता का मजेदार ट्वीट
सनी गुप्ता ने अपने अनुभव को X (पहले ट्विटर) पर साझा किया। उन्होंने कहा, “खाना डिलीवरी करने वाला लड़का मेरा इंतजार कर रहा था और ट्रेन लेट हो रही थी। मैंने ज़ोमैटो को संदेश दिया कि यह वह अनुभव नहीं था जिसकी मुझे उनसे उम्मीद थी। उनके धैर्य के लिए धन्यवाद और उनकी सराहना के तौर पर मैं पेमेंट कर दूंगा।”
उनका यह मजाकिया पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ और अब तक 10 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है।
लोगों की प्रतिक्रियाएँ
गुप्ता की पोस्ट ने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी। कई लोगों ने ज़ोमैटो की इस अनोखी सेवा की प्रशंसा की और अपने अनुभव भी साझा किए।
एक यूजर ने लिखा, “ट्रेन में ज़ोमैटो से खाना मंगवाना वास्तव में शानदार सुविधा है। मैंने कई बार इसका उपयोग किया है। यह ट्रेन के खाने से बेहतर होता है, क्योंकि आपको होटल का बना हुआ ताजा खाना मिलता है। ज़ोमैटो का यह कदम सराहनीय है।”
एक अन्य यूजर ने कहा, “मैंने भी इसे कुछ बार आज़माया है। यह बिना किसी समस्या के काम करता है।”
हालांकि, कुछ लोगों के अनुभव बहुत अच्छे नहीं रहे। एक यूजर ने कहा, “मैंने ट्रेन में एक बार मीडियम साइज का पिज्जा ऑर्डर किया था, जिसकी कीमत करीब ₹460 थी। ट्रेन दो घंटे लेट थी, और पिज्जा ठंडा हो चुका था। यह अनुभव अच्छा नहीं था।”
कुछ चुनौतियाँ भी आईं सामने
गुप्ता ने यह भी जानकारी दी कि उनके ऑर्डर के साथ कटलरी नहीं आई, जबकि बिल पर इसका उल्लेख था। यह छोटी समस्या कुछ यूजर्स के लिए असुविधा का कारण बन सकती है।
निष्कर्ष
ज़ोमैटो की ट्रेन फूड डिलीवरी सेवा एक बेहतरीन पहल है, जो यात्रियों को उनकी यात्रा को और सुविधाजनक बनाने का विकल्प देती है। हालांकि यह सेवा अधिकतर मामलों में सफल और सुविधाजनक साबित हुई है, कुछ कमियाँ जैसे समय पर खाना न मिलना या कटलरी की कमी अभी भी सुधार की आवश्यकता को दर्शाती हैं।
इस तरह के अनुभव दिखाते हैं कि ज़ोमैटो जैसी कंपनियाँ कैसे अपनी सेवाओं को अनोखे और उपयोगी तरीकों से लोगों तक पहुँचा रही हैं। यदि आप भी अगली बार ट्रेन से यात्रा करें, तो इस सेवा को ज़रूर आज़माएँ और अपनी यात्रा का आनंद लें।